आपने क्रोध जताया
किस लिए
डाटने में मजा आया
इसलिए
या हमने कुछ
गलत लिया इसलिए
हमने तो यह भी न पूंछा
क्या थी हमारी खता
डाट खाई बिना बात
किस लिए
आप हमसे बड़े हैं
शायद इस लिए
अधिकार हमारा है
कि कारण जाने
नहीं बताना चाहें जाने दीजिये
हम तो छोटे हैं छोटे ही सही
यह क्रोध यह रुसवाई
किस लिए
क्या क्यों किसलिए में
यदि उलझे रहे
जिन्दगी कैसी होगी
जानना चाहेंगे
पर कोई बताएगा ही क्यों
किसलिए
आप तो खुद को बदल न पाएंगे
जिन्दगी का बोझ
सह न पाएंगे
टूट कर बिखर जाएंगे
इसी लिए सब
सही गलत सह लेते हैं
आपकी प्रसन्नता के लिए
जिन्दगी की कठिन डगर पर
सहज चलने के लिए
फिरभी यदि कारण बता पाते
आपका मन भी
हल्का हो जाता
चहरे पर आई मुस्कान का
हम से सांझा हो पाता |
आशा
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