16 अप्रैल, 2019

आमराई में कैरी से लदा वृक्ष

कोयल की कुहू कुहू ने 
ध्यान मेरा भंग किया
 लगा कोई बुला रहा है 
बाहर झांका देखा देखती ही रह गई 
न जाने कब पेड़ लदा कच्ची केरियों से 
अपनी उलझनों से बाहर निकल कर 
जब भी झांकती हूँ खिड़की से बाहर 
कुछ परिवर्तन होते दीखते हैं  अमराई में
कल को आम बौराया था 
आज फूलों में फल लगे हैं 
वह भी कोई कच्चे कोई अधपके  पीले
देख खाने को मन ललचाया 
इधर उधर देखा भाला
एक पत्थर डाली पर मारा 
पर निशाना चूक गया  
दूसरे निशाने  की तैयारी की
 पर मन में शंका जागी 
कहीं किसी को लग गई तब
घर बैठे मुसीबत आ जाएगी 
मन मारा  माली का किया इन्तजार
पर निष्ठुर ने एक न  सुनी मेरी
कहा बीमारी और बढ़ जाएगी 
क्या लाभ खटाई खाने का 
ललचाई निगाहों से 
मन मार देखती रही
 कैरी से लदे उस  वृक्ष  को
सोचा कोई बात नहीं 
  हम देख कर ही 
मन में  भाव भर लेंगे संतुष्टि का
हर सामग्री यदि
 उपलब्ध होगी जीवन में 
प्रलोभन शब्द ही नहीं रहेगा 
जिन्दगी के शब्द कोष  में |
आशा





14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (17-04-2019) को "बेचारा मत बनाओ" (चर्चा अंक-3308) पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की लिंक चर्चा मंच में शामिल करने के लिए आभार सर |

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  2. ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 16/04/2019 की बुलेटिन, " सभी ठग हैं - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

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  4. सच्ची बात ! वैसे शायद ही कोई विरला होगा जिसका मन पेड़ पर लगे इतने गदराये आमों को देख ललचाया न होगा ! सुन्दर रचना !

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  5. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    २२ अप्रैल २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      मेरी रचना शामिल करने की सूचना के लिए आभार जी |

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  6. बहुत सुन्दर आदरणीय दी जी
    सादर

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए धन्यवाद अनीता जी |

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  7. उत्तर
    1. सुप्रभात
      अनुराधा जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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  8. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए धन्यवाद सुधा जी |

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