रूप तेरा पूनम के चाँद सा
चेहरा सजा साज सिंगार से
माथे पर कुमकुम का टीका
खुशबू से अंग अंग महका |
केश विन्यास सुन्दर तेरा
बड़े सलीके से सजाया गया है
श्वेत पुष्पों की माला से|
मृगनयनी चंचल चपल
हैं नैन
बड़े विशाल तेरे
पैनी उनकी धार से जब करते कटाक्ष
हृदय विदीर्ण हो जाता |
चाहे जितने करू उपचार
दर्द कम न होता
जब चलते नैनों के बाण तीखे
घाव दिल के नहीं भरते |
नैनों में कजरे की गहरी रेखा
आकार बढ़ा देतीं इतना
लगता पूरा कैद कर लेंगी मुझे
क्यूँ न मैं समा जाऊं उनमें |
हाथों की उंगलियों से
मुंह छिपाने की कोशिश
मुंह छिपाने की कोशिश
मैं एकटक देखता रहूँ
पलकें भी न झपकाऊँ |
तेरी यह अद्भुद छवि और अधिक
आकर्षित करती मुझे
मन में भय रहता सदा ही
किसी की नजर न लगे तुझे |
आशा
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 4.4.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3295 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सहित
सुप्रभात सूचना हेतु आभार सर |
हटाएंआपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" गुरूवार 4 अप्रैल 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार सर
हटाएंआशा सक्सेना
बहुत ही सुन्दर रचना ! बहुत सुन्दर सृजन !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए
हटाएंआशा
वाह दीदी ! बहुत सुंदर !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद मीना शर्मा जी |
जवाब देंहटाएंNice
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंकिस खूबसूरती से लिखा है आपने। मुँह से वाह निकल गया पढते ही।
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद संजय
जवाब देंहटाएंआशा सक्सेना
बहुत सुन्दर रचना..
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुधा जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंआशा
बहुत सुन्दर दी
जवाब देंहटाएंसादर
सुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद अनिता जी |
आशा
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
८ अप्रैल २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
बहुत सुंदर....सादर नमन
जवाब देंहटाएंकजरारे नैनो से बंधे अनुरागी मन की हृदयस्पर्शी भाव कथा आदरणीय आशा जी | सस्नेह शुभकामनायें |
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