चाहत है जो कार्य लूं हाथ में  
पूरी निष्ठा से पूर्ण करूँ 
 सारा जीवन अर्पित करूँ 
देश हित के लिए|
हूँ समर्पित पूरी निष्ठा से 
नहीं किसी के बहकावे में 
ना ही अन्धानुकरण कर के 
किया है  वादा खुद से|
लगन ऐसी लगी है अब तो 
जब तक कार्य पूर्ण न होगा 
चैन न लूंगी तब तक|
कर्तव्य पूर्ति  की लालसा 
हुई जागृत जब से 
अपने अधिकार  भूली तब से 
सारी निष्ठा की समर्पित 
देश की उन्नति  के लिए|
जान की भी परवाह नहीं है
जान की भी परवाह नहीं है
सफलता हाथ लगेगी जब 
पूरी लगन से होगा  समर्पण 
 अपने कार्य के लिए  |
आशा
आशा

 
 
बहुत पसंद आई आपकी रचना और रचना में प्रयुक्त उपमाएं भी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संजय टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सुमन जी |
ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को मजदूर दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ !!
जवाब देंहटाएंब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 01/05/2019 की बुलेटिन, " १ मई - मजदूर दिवस - ब्लॉग बुलेटिन “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
सूचना हेतु आभार सर |
हटाएंबहुत सुन्दर आदरणीया
जवाब देंहटाएंसादर
धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंबेहतरीन प्रस्तुति आशा दी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अनुराधा जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा आज गुरुवार (02-05-2019) को " ब्लॉग पर एक साल " (चर्चा अंक-3323) पर भी होगी।
--
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
....
अनीता सैनी
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना की सूचना देने के लिए धन्यवाद |
धन्यवाद जी |
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
६ मई २०१९ के लिए साझा की गयी है
पांच लिंकों का आनंद पर...
आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।
सुप्रभात
हटाएंसूचना के लिए आभार श्वेता जी |
मन के सात्विक संकल्प की सुंदर अभिव्यक्ति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद मीना जी |
वाह!!आशा जी ,बहुत खूब!!
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शुभा जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन....सादर नमस्कार
जवाब देंहटाएंइसी निष्ठा की तो तलाश है देश को। बहुत-बहुत शुभकामनाएँ आदरणीय ।
जवाब देंहटाएंवाह ! यही निष्ठा हर भारतवासी का इष्ट होनी चाहिये ! सुन्दर रचना !
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