01 अगस्त, 2019

मेंहदी



सोलह सिंगारों में प्रमुख 
मेंहदी के रूप अनूप 
हाथों की शोभा होती दुगुनी 
जब पूर्ण कुशलता से रचाई जाती 
कलात्मक हरी हरी मेंहदी 
सावन में मेंहदी से करतीं 
महिलायें अपना श्रृंगार 
हरियाली तीज मनातीं धूमधाम से 
रक्षाबंधन पर बहनों के हाथ 
भरे रहते लाल लाल मेंहदी से 
हल्दी लगाने के बाद 
मेंहदी से सजाये जाते 
हाथ दुल्हन के 
मेंहदी का रंग जितना गहरा होता 
गहन प्यार की गवाही देता 
रचाई गयी कलात्मक मेंहदी से 
लिखा जाता हथेली पर 
प्रियतम का नाम 
बहुत समय लगता उसे खोजने में 
बहुत प्रसन्नता होती दूल्हे को 
देख कर प्रियतमा की हथेली पर 
अपना छिपा हुआ नाम 
दोनों के हाथों में रहता विश्वास 
रहे हाथों में हाथ इसी तरह 
कभी न छूटे साथ ! 


आशा सक्सेना 

8 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (02-08-2019) को "हरेला का त्यौहार" (चर्चा अंक- 3416) पर भी होगी।


    --

    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।

    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है

    ….

    अनीता सैनी

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  2. सुप्रभात
    सूचना के लिए आभार अनीता जी |

    जवाब देंहटाएं
  3. नारी के जीवन में मेंहदी का महत्त्व स्थापित करती बहुत सुन्दर प्रस्तुति !

    जवाब देंहटाएं
  4. जी नमस्ते,
    आपकी लिखी रचना हमारे सोमवारीय विशेषांक
    ५ अगस्त २०१९ के लिए साझा की गयी है
    पांच लिंकों का आनंद पर...
    आप भी सादर आमंत्रित हैं...धन्यवाद।

    जवाब देंहटाएं
  5. एक रस्म जो हमने भी निभाई
    याद आई.
    सुंदर रचना.

    पधारें कायाकल्प 

    जवाब देंहटाएं

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