हे प्रभू मेरे ऊपर बस
नज़रे इनायत कर दे
खाली है झोली मेरी
खुशहाली से भर दे |
नहीं चाहिए कृपा किसी की
नहीं चाहिए धन दौलत
मिल गया
है जितना मुझे
है पर्याप्त वही मेरे लिए |
और अधिक
की चाह नहीं
ना हो भेद भाव किसी से
ना ही किसी बात का संताप
बस अमन चैन से जीवन बीते
एक रहा अरमान यही |
इसी कामना पूर्ति के लिए
दिन देखा न रात
सारा समय बिताया मैंने
तेरे सजदे कर के |
सब मिलजुल कर रहें
प्यार बांटे
एक दूसरे से
है यही तमन्ना दिल से
जिसकी पूर्ती कर दे |
आशा
आशा
जवाब देंहटाएंजय मां हाटेशवरी.......
आप को बताते हुए हर्ष हो रहा है......
आप की इस रचना का लिंक भी......
29/09/2019 रविवार को......
पांच लिंकों का आनंद ब्लौग पर.....
शामिल किया गया है.....
आप भी इस हलचल में. .....
सादर आमंत्रित है......
अधिक जानकारी के लिये ब्लौग का लिंक:
http s://www.halchalwith5links.blogspot.com
धन्यवाद
सूचना हेतु आभार सर |
हटाएं
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार (29-09-2019) को "नाज़ुक कलाई मोड़ ना" (चर्चा अंक- 3473) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
अनीता सैनी
सूचना हेतु आभार अनीता जी
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंसुन्दर विचार सार्थक सृजन !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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