बाल दिवस के अवसर पर -
काम बड़ा न छोटा कोई
काम बड़ा न छोटा कोई
काम तो बस काम है
काम को ऐसे न टालो
जीवन में इसे उतारलो
है यह प्रमुख अंग जीवन का
जिसके बिना
वह रह जाता अधूरा
एक विकलांग प्राणी सा
मानव जीवन
कार्य से ही पूर्ण होता
व्यस्त सदा बना रहता
कार्य यदि उपयोगी होता
जीवन सफल हो पाता
उससे मिली प्रशंसा से
वह पूर्णता को प्राप्त होता
और सकारथ हो
पाता |
आशा
आशा
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 14 नवम्बर 2019 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंयशोदा जी सूचना के लिए आभार |
हटाएंsundar kavita
जवाब देंहटाएंधन्यवाद दीपक जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंबहुत बढ़िया
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद संजय |
बिलकुल सत्य ! सार्थक सन्देश देती सुन्दर प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |
हटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने की सूचना के लिए आभार |