मंद
गति से वन उपवन में
बाग़ में आई बहार
धरती ने किया नव श्रृंगार ओढ़ी चूनर धानी
दी सूचना वसंत आगमन की |
वृक्षों पर आए नव पल्लव हरीतिमा लिए
डालियों का साथ छोड़ पतझड़ को बिदा कर
मुरझाए पीले पत्तों ने ले ली बिदाई
बयार के साथ हो लिए सारे खुशी से |
खेतों में सरसों फूली पीली
पुष्प
खिले पीले लहराए मंद बयार संग
महिलाओं ने पीत वस्त्र धारण किये
बच्चों को सजाया सवारा पीले परिधानों से |
नैवेध्य बना केशरिया भात का माँ सरस्वती को भोग लगाया
धूप दीप किये अर्पित वसंत पंचमी का त्यौहार मनाया
परम्परा को खूब निभाया मन से
विद्यादायनी माँ शारदे को नमन किया पूर्ण श्रद्धा से |
आशा
अरे वाह ! आपने तो वसंत मना भी लिया ! बहुत ही सुन्दर रचना ! वसंत पंचमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ! माँ शारदे को नमन ! !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |
वसंत पंचमी के उपलक्ष में बधाई |
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 30.1.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3596 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी ।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंसूचना के लिए आभार सर |
शब्द सर्जन के लिए इस पोस्ट "बयार" की लिंकhttps://akanksha-asha.blogspot.com/2020/01/blog-post_84.html#links
जी नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार(०१-०२-२०२०) को "शब्द-सृजन"-६ (चर्चा अंक - ३५९८) पर भी होगी।
चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
आप भी सादर आमंत्रित है
….
-अनीता सैनी
सूचना हेतु आभार आभार अनीता जी |
हटाएंबहुत ही सुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंअच्छा है
जवाब देंहटाएंधन्यवाद रोहित जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंबसंत का सुंदर चित्रण।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सर टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर सृजन ,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंधन्यवाद कामिनी जी टिप्पणी के लिए |
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