16 मार्च, 2020

साँसें


                     साँसों से जुड़ा है
 जीवन का एक एक पल
दिन रात क्षय होती साँसें
 चंद लम्हे भी जुड़े हैं जिनसे |
जो यादों में समाए हुए है
वे खट्टी मीठी यादें 
गहराई तक पैठ गईं मन में  
तभी तक स्मरण रहती हैं
जब तक साँसें रहती हैं
फिर एक ऐसा पल आता है
साँसे हो जाती है विलुप्त  
जो कि है चिर अपेक्षित
तभी कहा जाता है साँस है तो आस है|
हर साँस में एक आशा समाई है
हैं वे बहुत भाग्यशाली
जिन्होंने जिन्दगी का  
 हर पल जिया है |
हर साँस का आनंद लिया है
साँसों को गिन गिन कर
जीवन से  पूरा हिसाब लिया है
जिन्दगी को  भरपूर जिया है |
आशा     

15 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर।
    कभी तो दूसरों के ब्लॉग पर भी अपनी टिप्पणी दिया करो।

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    उत्तर
    1. धन्यवाद टिप्पणी के लिए शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |

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  2. जीवन साँसों से जुड़ा है और हर पल जी सकें तभी जीवन का आनंद है ... सुंदर रचना ...

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  3. धन्यवाद नासवा जी टिप्पणी के लिए |

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  4. मन के कोमल भावों को सार्थक अभिव्यक्ति देती बहुत सुंदर रचना !

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  5. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  6. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा रविवार(२२-०३-२०२०) को शब्द-सृजन-१३"साँस"( चर्चाअंक -३६४८) पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    **
    अनीता सैनी

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  7. अनिता जी आभार मेरी रचना की सूचना देने के लिए |
    |

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  8. बहुत सुंदर सार्थक सृजन
    वाह!!!

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  9. बहुत खूब ..,सुंदर अभिव्यक्ति आशा जी ,सादर नमस्कार आपको

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  10. धन्यवाद कामिनी जी टिप्पणी के लिए |

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