मिलावट -आज के युग में जहां देखा वहीं है मिलावट
कोई नहीं बचा इसकी मार से
जहां जहां पड़े पैर शुद्धता के
मिलावट ने गर्दन पकड़ी पीछे से
|
जब गेहूं लाए आटा पिसवाया
जल्दी में बीना नहीं ठीक से
इतनी किसकिसाहट आटे में थी
कि वह कूड़ेदान के हुआ हवाले |
खाने की सामग्री हो या कीमती
धातु हों
दवाइयां हों या अन्य उपयोग की वस्तुएं
कोई नहीं बचा इससे
सारा बाजार भरा हुआ है मिलावटी सामग्री से |
यहां तक कि भाषा भी नहीं बची
मिलावट से
दो भाषाएँ मिलाकर बात जब तक न
हो
कहना सुनना पूर्ण नहीं होता
लगता है कहीं कुछ कमी रह गई है|
विचार स्पष्ट नहीं हो पाया
फिर से कोशिश होती है
टूटे फूटे आंग्ल शब्दों में
अर्थ समझाने की |
अर्थ समझाने की |
अब तो अलग अलग विचारधारायें
भी
हैं प्रभावित एक
दूसरे के सत्संग से
चार दिन का साथ बदल देता है
सोच का ढंग आम आदमी का |
प्राकृतिक संपदा भी नहीं अछूती इससे
नदियों में गंदे नालों के जल की मिलावट
वायु में प्रदूषण रसायनों का
सांस लेना हुआ दूभर मनुष्य का
|
सारी दुनिया हुई त्रस्त आधुनिकता के जाल से
कोई तो स्थान हो जहां मिलावट ने न डाला हो डेरा
भगवान के मंदिर को भी नहीं छोड़ा उसने
प्रसाद में भी मिलावट की बहुत
सरलता से |
आशा
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (18-03-2020) को "ऐ कोरोना वाले वायरस" (चर्चा अंक 3644) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
सूचना हेतु आभार सर |
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जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 18 मार्च 2020 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार पम्मी जी पोस्ट की सूचना के लिए |
सार्थक चिंतन से युक्त सुन्दर अभिव्यक्ति ! इसमें कोई संदेह नहीं किसी भी चीज़ में अब शुद्धता की कामना करना असंभव प्रतीत होने लगा है ! जहाँ देखिये वहाँ मिलावट ही मिलावट है !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए जिसके इंतज़ार में नजरें थक गईं |
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन सखी।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुजाता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना।
जवाब देंहटाएंएक भाषा मे दूसरी भाषा की मिलावट को शायद मिलावट नहीं कहते।
धन्यवाद रोहितास जी टिप्पणी के लिए |मिलावट तो मिलावट ही है चाहे भाषा की ही क्यूँ न हो |
हटाएंसूचना हेतु आभार जी |
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