प्यार तुम्हारे नसीब में नहीं है
है मुझे पता है वह बेशुमार
तुम्हें उसकी कोई कद्र नहीं |
२-प्यार किया नहीं जाता
अनजाने में हो जाता है
पात्र हो या कुपात्र मन जिस पर आए
आज के युग में सब चलता है |
३- यह है भाग्य का खेल
किसी से क्या कहना
हार जीत का सिलसिला
ऐसे ही चलता है |
४-जन्म मरण एक साथ
जब सुनने को मिलते हैं
मन में विरक्ति जाग्रत होती है
मन संसार से उचटता है |
५- कितनी अनहोनी घटनाएं
होती हैं आए दिन
ईश्वर परीक्षा लेता है
मनुष्य के धैर्य का |
आशा
सटीक प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए ओंकार जी |
हटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 24 मई 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु आभार सर |
हटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद सुमन जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंसुन्दर क्षणिकाएँ।
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंजीना इसीका नाम है ! सुन्दर उद्गा्र !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
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