03 जून, 2020

समर क्षेत्र




घोर संग्राम छिड़ा है
देश युद्ध भूमि बना है
कोरोना महांमारी से
दो दो हाथ करने को |
देश विविध  समस्याओं से
 भी जूझ रहा है
पर हिम्मत नहीं हारी है
ना शब्द निकाल फैका है
 दिमाग के शब्द कोष से |
कोई भी प्रयत्न करने में
हिचकिचाहट कैसी
भाग्य हमारे साथ है
यह भी विचार किया है |
जरा सी है जिंदगानी
जीवन है एक समर भूमि
डट कर सामना करने का
वादा किया  है खुद से |
कायर पीठ दिखाकर
पीछे हट जाते हैं
पर हम पूरे  जोश से
खड़े हैं समर भूमि   में |
ईश्वर पर अटूट है श्रद्धा
समर में पीठ दिखा कर
भागेंगे नहीं कायर की तरह
 यही वादा किया है खुद से |
आशा 

11 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |

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  2. उत्तर
    1. सुप्रभात
      मेरी रचना पर टिप्पणी के लिए धन्यवाद शास्त्री जी |

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  3. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 4.6.2020 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3722 में दिया जाएगा। आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ाएगी।
    धन्यवाद
    दिलबागसिंह विर्क

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  4. सुन्दर सार्थक सामयिक रचना ! बहुत बढ़िया !

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  5. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  6. निश्चित मनुष्य ही जीतेगा इस समर में
    बढ़िया रचना

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  7. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 08 जून 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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