26 जुलाई, 2020

है उद्देश्य मेरा

 
                                    हम भी कहाँ हर बार लिखेंगे
देखेंगे ,सोचेंगे ,विचार करेंगे
फिर कुछ लिखने का प्रयास करेंगे
 जो कुछ लिखेंगे बड़े प्यार से लिखेंगे |
तेरे विचार और कलम मेरी
कुछ भी नया  नहीं है
मुकाबला जीतेंगे हार नहीं मानेगे
सफलता का परचम फैलाएंगे |
खुद पर भरोसा है मुझको
कभी स्वप्नों में जीना नहीं सीखा
कठोर धरा से है परिचय मेरा
सत्य की राह होती कठिन पर असंभव नहीं |
 मार्ग में कितनी भी बाधाएं  आएं  
पग पीछे नहीं हटाऊंगी
आगे बढ़ने का प्रयास करती रहूंगी   
हार से ज़रा भी नहीं घबराऊंगी |
एकलव्य सा  ध्यान किया है  केन्द्रित
कहीं वह भटक न जाए यही उद्देश्य  है  मेरा
इसी  पर  केन्द्रित सारा  अवधान मेरा |
यदि तुमने साथ दिया  मेरे  हाथ  में होगी
वह बड़ी सी ट्रोफी और गुलदस्ता
चेहरा दर्प से दमकेगा 
 तुम्हें भी प्रसन्नता होगी मेरी सफलता पर  |
आशा


  

5 टिप्‍पणियां:

  1. अरे वाह ! यही हौसला और हिम्मत तो चाहिए ! आल द बेस्ट कहने का मन हो रहा ! हर जीत मुट्ठी में हो यही शुभकामना है ! सुन्दर रचना !

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    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए ह्रदय से धन्यवाद साधना |

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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