हम भी कहाँ हर बार लिखेंगे
देखेंगे ,सोचेंगे ,विचार करेंगे
फिर कुछ लिखने का प्रयास करेंगे
जो कुछ लिखेंगे बड़े प्यार से
लिखेंगे |
तेरे विचार और कलम मेरी
कुछ भी नया नहीं है
मुकाबला जीतेंगे हार नहीं मानेगे
सफलता का परचम फैलाएंगे |
खुद पर भरोसा है मुझको
कभी स्वप्नों में जीना नहीं सीखा
कठोर धरा से है परिचय मेरा
सत्य की राह होती कठिन पर असंभव नहीं |
मार्ग में कितनी भी
बाधाएं आएं
पग पीछे नहीं हटाऊंगी
आगे बढ़ने का प्रयास करती रहूंगी
हार से ज़रा भी नहीं घबराऊंगी |
एकलव्य सा ध्यान किया है केन्द्रित
कहीं वह भटक न जाए यही उद्देश्य है मेरा
इसी पर केन्द्रित सारा अवधान मेरा |
यदि तुमने साथ दिया मेरे हाथ में
होगी
वह बड़ी सी ट्रोफी और गुलदस्ता
चेहरा दर्प से दमकेगा
तुम्हें भी प्रसन्नता होगी मेरी
सफलता पर |
आशा
अरे वाह ! यही हौसला और हिम्मत तो चाहिए ! आल द बेस्ट कहने का मन हो रहा ! हर जीत मुट्ठी में हो यही शुभकामना है ! सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए ह्रदय से धन्यवाद साधना |
आशा के अनुरूप आशा जी की रचना।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद शास्त्री जी टिप्पणी के लिए |
बहुत सुन्दर
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