हिंदी दिवस
है हमारी भाषा हिन्दी
हमें बहुत प्यार है
अपनी भाषा से
हिंदी दिवस मना रहे
बड़ा धूमधाम से |
दिन रात बोलते नहीं थकते
है इतनी प्यारी भाषा
दूसरी भाषाओं से घुलमिल जाती
पानी में चीनी जैसी |
है सरल भाषाविज्ञान इसका
बोधगम्य है व्याकरण इसकी
आसानी से समझी जा सकती है
lलिखी पढ़ी जा सकती है |
तभी तो है प्यारी दुलारी हिन्दी
है यही विशेषता इसकी
जिसने इसे सीखना चाहा
उसमें ही खो जाता है |
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (16-09-2020) को "मेम बन गयी देशी सीता" (चर्चा अंक 3826) पर भी होगी।
जवाब देंहटाएं--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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सूचना हेतु आभार सर |
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु आभार सहित धन्यवाद ओंकार जी |
हटाएंआदरणीया आशा लता सक्सेना जी, हिंदी दिवस पर बहुत अच्छी कविता। आपने सही कहा है:
जवाब देंहटाएंबोधगम्य है व्याकरण इसकी
आसानी से समझी जा सकती है
लिखी पढ़ी जा सकती है |
हार्दिक साधुवाद!-मैंने आपका ब्लॉग अपने रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। कृपया मेरे ब्लॉग "marmagyanet.blogspot.com" अवश्य विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं।
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सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |
वाह ! हिन्दी भाषा पर सार्थक सुन्दर सारगर्भित रचना ! बढ़िया है !
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