15 सितंबर, 2020

हिन्दी



 

हिंदी दिवस

है हमारी  भाषा हिन्दी

हमें बहुत प्यार है

अपनी भाषा से

हिंदी दिवस मना रहे

बड़ा धूमधाम से |

दिन रात बोलते नहीं थकते 

है इतनी प्यारी भाषा 

दूसरी  भाषाओं से घुलमिल जाती 

पानी में चीनी जैसी |

है सरल भाषाविज्ञान इसका 

बोधगम्य है व्याकरण  इसकी 

आसानी से समझी जा सकती है 

lलिखी पढ़ी जा सकती है |

तभी तो है प्यारी दुलारी हिन्दी 

है यही विशेषता इसकी 

जिसने इसे सीखना चाहा 

उसमें ही खो जाता है |

7 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल बुधवार (16-09-2020) को  "मेम बन  गयी  देशी  सीता"    (चर्चा अंक 3826)        पर भी होगी।
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --  
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'  
    --

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  2. उत्तर
    1. टिप्पणी हेतु आभार सहित धन्यवाद ओंकार जी |

      हटाएं
  3. आदरणीया आशा लता सक्सेना जी, हिंदी दिवस पर बहुत अच्छी कविता। आपने सही कहा है:
    बोधगम्य है व्याकरण इसकी
    आसानी से समझी जा सकती है
    लिखी पढ़ी जा सकती है |
    हार्दिक साधुवाद!-मैंने आपका ब्लॉग अपने रीडिंग लिस्ट में डाल दिया है। कृपया मेरे ब्लॉग "marmagyanet.blogspot.com" अवश्य विजिट करें और अपने बहुमूल्य विचारों से अवगत कराएं।
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    सादर!--ब्रजेन्द्रनाथ

    जवाब देंहटाएं
  4. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए धन्यवाद सर |

    जवाब देंहटाएं
  5. वाह ! हिन्दी भाषा पर सार्थक सुन्दर सारगर्भित रचना ! बढ़िया है !

    जवाब देंहटाएं

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