01 अक्तूबर, 2020

सक्षम नारी आज की


 

 

                                     है परिष्कृत  मस्तिष्क तुम्हारा

किसी से कम नहीं हो

हर क्षेत्र में आगे बढी हो

है देश को गर्व तुम पर |

 किसा भी प्रकार का  कार्य हो

 तुमने  दक्षता से पूरा किया है

पूरी क्षमता से आगे बढी हो

पीछे मुड़ कर नहीं देखा है |

ना शब्द  तुम्हारे शब्द्कोश में नहीं है

हो लक्ष्मी बाई जैसी निडर बहादुर

हो नारी शक्ति की  प्रतीक

 हमें गर्व है तुम पर तुम्हारे जन्म पर

शायद ही कोई ऐसा कार्य हो

 जो तुमसे छूटा  हो

जब तक सफलता न मिल पाए

तुमने हार नहीं मानी है |

है यही विशेषता तुम्हारी

सभी का मन मोह रही है

सभी को गर्व है तुम पर

देश की नारी शक्ति पर |


13 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. सुप्रभात धन्यवाद स्मिता टिप्पणी के लिए |

      हटाएं
  2. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 01 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की सूचना हेतु आभार यशोदा जी |

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद ओंकार जी |

      हटाएं
  4. इसमें संदेह नहीं की नारी में अनंत क्षमतायें हैं लेकिन फिर भी आज के समाज में उसका अवमूल्यन ही हुआ है ! सुन्दर रचना !

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत बढ़िया रहना !! हार्दिक मंगलकामनाएं अपना ख्याल रखिये !

    जवाब देंहटाएं
  7. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०३-१०-२०२०) को ''गाँधी-जयंती' चर्चा - ३८३९ पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

    जवाब देंहटाएं
  8. अनंत ऊर्जा का स्रोत है नारी
    नमन नारी शक्ति को

    जवाब देंहटाएं
  9. नारी का विजय अभियान जारी है... इस रचना के जरिये... हार्दिक बधाई एवं शुभकामना स्वीकारें...

    जवाब देंहटाएं
  10. 'जब तक सफलता न मिल पाए

    तुमने हार नहीं मानी है|'... बहुत सुन्दर!

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: