है परिष्कृत मस्तिष्क तुम्हारा
किसी से कम नहीं हो
हर क्षेत्र में आगे बढी हो
है देश को गर्व तुम पर |
किसा भी प्रकार का कार्य हो
तुमने दक्षता से पूरा किया है
पूरी क्षमता से आगे बढी हो
पीछे मुड़ कर नहीं देखा है |
ना शब्द तुम्हारे शब्द्कोश में नहीं है
हो लक्ष्मी बाई जैसी निडर बहादुर
हो नारी शक्ति की प्रतीक
हमें गर्व है तुम पर तुम्हारे जन्म पर
शायद ही कोई ऐसा कार्य हो
जो तुमसे छूटा हो
जब तक सफलता न मिल पाए
तुमने हार नहीं मानी है |
है यही विशेषता तुम्हारी
सभी का मन मोह रही है
सभी को गर्व है तुम पर
देश की नारी शक्ति पर |
नारी शक्ति को नमन
जवाब देंहटाएंसुप्रभात धन्यवाद स्मिता टिप्पणी के लिए |
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 01 अक्टूबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंमेरी रचना की सूचना हेतु आभार यशोदा जी |
बढ़िया प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद ओंकार जी |
इसमें संदेह नहीं की नारी में अनंत क्षमतायें हैं लेकिन फिर भी आज के समाज में उसका अवमूल्यन ही हुआ है ! सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
बहुत बढ़िया रहना !! हार्दिक मंगलकामनाएं अपना ख्याल रखिये !
जवाब देंहटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (०३-१०-२०२०) को ''गाँधी-जयंती' चर्चा - ३८३९ पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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अनीता सैनी
अनंत ऊर्जा का स्रोत है नारी
जवाब देंहटाएंनमन नारी शक्ति को
नारी का विजय अभियान जारी है... इस रचना के जरिये... हार्दिक बधाई एवं शुभकामना स्वीकारें...
जवाब देंहटाएं'जब तक सफलता न मिल पाए
जवाब देंहटाएंतुमने हार नहीं मानी है|'... बहुत सुन्दर!