सितारे आसमान में जगमगाएं जैसे
दीप जगमगाएं घर पर दिवाली की रात में
करना है स्वागत आगत धन लक्ष्मी का
उत्साह से भरा है सभी का मन |
छोटे से उपहार भी प्रिय लगते बच्चों को
नए कपडे पहन सजधज कर
करते बटवारा फटाकों का
फिर करते इंतज़ार लक्ष्मी पूजन का |
द्वार पर रंगोली बनाई जाती
गृह शुद्धि के लिए पहले से ही
घर का कौन कौन स्वच्छ किया जाता
रंगाई पुताई की जाती दीपक लगाए जाते |
गृह लक्ष्मियाँ अपनी भी
सज्जा कर लेतीं रूप चौदस से
फिर गुजिया पपड़ी बनाने में लग जातीं
नैवेध्य सजातीं लक्ष्मी जी के समक्ष |
लक्ष्मीं का उसी दरवाजे से आगमन होता
जहां स्वच्छ्ता का साम्राज्य होता
उस ओर मुख भी न करतीं पीठ अपनी फेर लेतीं
जहां दरिद्रता और गंदगी निवास करती |
हर वर्ष की तरह सभी कार्य संपन्न किये
पर पहले जैसी रौनक न आ पाई
बच्चों ने भी वायदा किया ऊपरी मन से
फटाकों से दूर रह पर्यावरण को दूषित न करेंगे |
दीपावली की शुभ कामनाओं के साथ
दीवाली ,पड़वा मनालेंगे सबके पैर पड़ेंगे
आशीर्वाद सब का सहेज लेंगे
यह वादा किया हम से |
आशा
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंरूप-चतुर्दशी और धन्वन्तरि जयन्ती की हार्दिक शुभकामनाएँ।
सुप्रभात
हटाएंशुभ कामनाएं दीपावली के शुभ अवसर पर |
जी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१४-११-२०२०) को 'दीपों का त्यौहार'(चर्चा अंक- ३८८५) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है
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अनीता सैनी
सुप्रभात
हटाएंशुभ कामनाएं दीपावली के शुभ अवसर पर
मेरी रचना को स्थान देने के लिए आभार अनीता जी |
बहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंदीपावली की शुभकामनाएँ
सुप्रभाय
हटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद संधु जी |
सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंटिप्पणी हेतु आभार सर |
बहुत सुंदर कविता के लिए साधुवाद 🙏
जवाब देंहटाएंदीपावली पर हार्दिक शुभकामनाएं 💥🙏💥
सादर,
डॉ. वर्षा सिंह
सुप्रभात
हटाएंआपको भी दीवाली की शुभ कामनाएं |टिप्पणी के लिए धन्यवाद |
इस बार कोरोना के कहर से दीपावली उदास सी ही रही ! लेकिन आशा है दीपों की इस जगमगाहट से कोरोना का वायरस नष्ट होगा और अगले साल दीपावली पूर्णत: उमंग और उत्साह से मना सकेंगे ! सार्थक सृजन !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |