14 नवंबर, 2020

प्राथमिकता


 इन्तजार करती रही

बहुत राह देखी तुम्हारी

दीपावली भी जाने लगी

तुम देश हित के लिए

ऐसे व्यस्त हुए कि

हम सब को बिसरा बैठे |

यह तक न सोचा कि

 फीका रहा होगा

 त्यौहार तुम्हारे बिना

पर तुम्हारी मजबूरी मैंने  समझी

कारण था आवश्यक

अनिवार्य उपस्थिती बोर्डर पर |

सूनी सड़क पर निगाहें टिकी थी

पर ना कोई चिठ्ठी ना तार भेजा
इतने  निर्मोही तुम कभी न थे

फिर लगा  होगी जरूरत तुम्हारी वहां

मन को संतोष दिया

 वह कार्य भी है अति आवश्यक

तभी दी प्राथमिकता होगी तुमने उसे |

देश है सर्वोपरी  सब से ऊपर  

 तुम हो एक अदना सा कण

पर है भारी जिम्मेदारी कन्धों पर

जिसे निभा रहे हो सच्चे दिल से

पूरी शिद्दत से |

आशा

 

7 टिप्‍पणियां:

  1. नमन है इन शूर वीर सैनिकों को जो घर परिवार, सुख सुविधा, तीज त्यौहार सब भूल कर देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए प्रतिकूल मौसम में भी सीमा पर डटे रहते हैं और हंसते हंसते अपने प्राण न्यौछावर कर देते हैं ! जब तक वो सजग रहते हैं हम आराम से सो पाते हैं अपने घरों में ! बहुत सुन्दर रचना !

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  2. सुप्रभात
    इतनी सुन्दर टिप्पणी के लिए धन्यवाद |
    साधना |

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  3. सुप्रभात
    मेरी रचना की सूचना के लिए आभार सर |

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  4. सुप्रभात टिप्पणी के लिए धन्यवाद ओंकार जी |दीपावली कैसी मनी |

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