08 नवंबर, 2020


यात्रा विवरण

गर्मियों की छुट्टी हो गई थी |रोज प्लान होता कहाँ जाएं |यही विचार हो रहा था की दरवाजे पर दस्तक हुई |शायद कोई आया था |दरवाजा खोल कर देखा तो महमान आए थे |हमारा प्लान धरा का धरा रह गया |पर यह जान कर बहुत प्रसन्नता हुई कि वे लोग भी घूमने के इरादे से ही आए थे |फिर से स्थान चयन की प्रक्रिया प्रारम्भ की गई |आसपास तो जाते ही रहते हैं क्यूँ न लम्बी यात्रा की जाए |बात तो सही थी |सब की सहमती बनी |हमने चार धाम यात्रा का प्लान बनाया पर उन लोगों ने कहा भाभी जी यह तो बहुत थकाने वाला होगा |क्यों न दो बार में इस यात्रा को संपन्न किया जाए |बात सही थी अतः पहला ट्रिप बद्री नाथ केदार नाथ जाने का तय हुआ |

        सब तैयारी में जुट गए |सामान कम हो और आसानी से खुद उठा पाएं इस लिए समय अधिक लगा  तैयारी में |जिस दिन टिकिट कन्फर्म हुए बहत प्रसन्नता हुई |यहाँ से दिल्ली का टिकिट लिया और

सभी प्लान ठीक से चल रहा था की अचानक राजीव गांधी के निधन का समाचार आया और उज्जैन बंद का |अब क्या करते रेलवे स्टेशन  जाने के लिए कोई वाहन नहीं था |एक सब्जी वाला घर  जाने की तैयारी की तैयारी कर रहा था उससे से विनती की हमें लेजाने की |उसे आवश्यका थी इस लिए ले गया  |

जैसे तैसे गाड़ी से रवाना हुए और दिल्ली पहंचे  एक रात होटल में रुके |वहां से एक वैन की बुकिंग करवाली थी |वहां से सुबह आठ बजे वहां से हरिद्वार के लिए रवाना हुए | जहां का पता दिया था वह स्टेशन से दूर नहीं था |सामान कमरे में रखकर हरिद्वर घूमने निकले |सब से हर की पैड़ी पर स्नान ध्यान किया आयर दर्शन किये |फिर नौका विहार किया |पर धुप तेज हो गई थी इसलिए बापिस होटल पहुंचे और थकान मिटाने के  बाद शाम को रोपवे से माता जी के दर्शन करने गए |रोप वे से जाने का पहला अनुभव बहुत बढ़िया रहा|

   जब लौटे तब रास्ते में मंदिर ही मंदिर थे |सब के दर्शन के चार में मैं और मेरी महमान इन लोगों से बहुत पीछे रह गए

सभी की चिंताओं का ठिकाना न रहा और हमें खोजने बापिस आए  |जब मिले तब ही चैन की सांस ले पाए|पर मुझे बहुत सुनना पड़ा  गलती मेरी ही थी इसलिए सुनना पड़ा| शाम को फिर से होटल पहुंचे |आराम किया | दूसरे दिन ऋषीकेश के लिए निकलना था |-----(-क्रमशः)

आशा

  

 

 

 

 

4 टिप्‍पणियां:

  1. अरे वाह ! यह तो हम भी पहली बार ही सुन रहे हैं ! सब्जी वाले के ठेले पर सामान ही रखा था या खुद आप लोग भी बैठे थे ? हा हा हा !दिलचस्प वृत्तांत !

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  2. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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