23 मार्च, 2021

सीमित संसाधन

 

 


क्षिति, जल ,पावक ,

गगन समीर 

सीमित हैं  मात्रा में

उपयोगी हैं  

प्रकृति का  आँचल  

हरा भरा हैं

दीखते हैं  पर्याप्त   

 यदि युक्ति हो    

आते  उपयोग में

कम  पड़ते

जब ठीक से नहीं

दोहन होता 

कद्र उनकी न हो 

स्रोत  तो स्रोत 

सीमित संसाधन 

सहेजे जाते 

खोजना सभी लोग 

चाहते रहे  

मीठे जल के स्त्रोत

पानी  के लिए |  

आशा

8 टिप्‍पणियां:

  1. सुप्रभात
    धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत अच्छी कविता, आदरणीया...
    साधुवाद 🙏

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद वर्षा जी |

      हटाएं
  3. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए आभार सहित धन्यवाद सर |

    जवाब देंहटाएं
  4. वाह ! जल दिवस पर बहुत ही सार्थक प्रस्तुति ! चिंतनपरक सृजन ! बहुत सुन्दर !

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  5. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए धन्यवाद साधना |

    जवाब देंहटाएं

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