क्या रखा है
स्वप्नों की
उस दुनिया में
जिसमें ज़रा भी
सच्चाई न हो
है मात्र यह
कल्पना
स्वर्ग सा
आकर्षण जहां
जीवन बेरंग
है उदास
इन कल्पनाओं में भी
फिर क्या लाभ
खोखले बदरंग से
विचारों का
हर हाल में जो
खुश न रहे
जीवन है
व्यर्थ उसका |
आशा
सार्थक अभिव्यक्ति।
सुप्रभात धन्यवाद सर टिप्पणी के लिए |
जीवन वही सार्थक है जिसमें खुशियाँ हो आनंद हो और उल्लास हो ! हर परिस्थिति के अनुरूप ढल जाने में ही जीवन का सार निहित है !
सुंदर रचना नी
सुप्रभात धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |
सुप्रभात आभार मीना जी मेरी रचना को शामिल करने की सूचना के लिए |
सटीक सन्देश ...
धन्यवाद संगीता जी टिप्पणी के लिए |
फिर क्या लाभखोखले बदरंग सेविचारों का...सच सही कहा आपने आदरणीया दीदी जी।सादर
धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हर हाल में जोखुश न रहेजीवन है व्यर्थ उसका |बहुत सुंदर संदेश देती रचना...🌹🙏🌹
धन्यवाद टिप्पणी के लिए शरद सिंह |
बहुत सुन्दर सार्थक सृजन।
धन्यवाद टिप्पणी के लिए सुधा जी |
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सार्थक अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद सर टिप्पणी के लिए |
जीवन वही सार्थक है जिसमें खुशियाँ हो आनंद हो और उल्लास हो ! हर परिस्थिति के अनुरूप ढल जाने में ही जीवन का सार निहित है !
जवाब देंहटाएंसुंदर रचना नी
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंआभार मीना जी मेरी रचना को शामिल करने की सूचना के लिए |
सटीक सन्देश ...
जवाब देंहटाएंधन्यवाद संगीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंफिर क्या लाभ
जवाब देंहटाएंखोखले बदरंग से
विचारों का...सच सही कहा आपने आदरणीया दीदी जी।
सादर
धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंहर हाल में जो
जवाब देंहटाएंखुश न रहे
जीवन है
व्यर्थ उसका |
बहुत सुंदर संदेश देती रचना...🌹🙏🌹
धन्यवाद टिप्पणी के लिए शरद सिंह |
हटाएंबहुत सुन्दर सार्थक सृजन।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए सुधा जी |
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