10 अप्रैल, 2021

हाइकु


 

१-सतही रिश्ते  

कभी साथ न देंते 

काम न आते 

२-जाने दो बातें

 पुरानी हो गई है 

क्या है लाभ 

३-जी  दुखे जब

भूल जाओ प्रसंग

ना दोहराओ

४- किसने कहा

हर बात तुमसे 

है संबंधित

५-आज का दिन

हुआ बहुत भारी

फैला कोरोना

६- नियम सारे

रख किनारे पर

डूबने चले

७-रिश्ते ही रिश्ते 

असली न  सतही

मुंह बोलते  

आशा

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (11-04-2021) को   "आदमी के डसे का नही मन्त्र है"  (चर्चा अंक-4033)    पर भी होगी। 
    -- 
    सत्य कहूँ तो हम चर्चाकार भी बहुत उदार होते हैं। उनकी पोस्ट का लिंक भी चर्चा में ले लेते हैं, जो कभी चर्चामंच पर झाँकने भी नहीं आते हैं। कमेंट करना तो बहुत दूर की बात है उनके लिए। लेकिन फिर भी उनके लिए तो धन्यवाद बनता ही है निस्वार्थभाव से चर्चा मंच पर टिप्पी करते हैं।
    --  
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
        
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ-    
    --
    सादर...! 
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' 
    --

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना के शामिल करने की सूचना के लिए आभार सर |

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  2. वन्दन
    हाईकू अशुद्ध है
    हाइकु सही शब्द है

    सादर

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    उत्तर
    1. धन्यवाद विभा जी |अभी तक किसी ने टोका नहीं था |धन्यवाद सही जानकारी के लिए |
      |


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  3. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद शकुन्तला जी टिप्पणी के लिए |

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  4. उत्तर
    1. सुप्रभात
      साधना धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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