१-है अभिलाषा
किसीके काम आऊँ
रहूँ सफल
२-आशा या इच्छा
कभी पूर्ण न होती
रहती आधी
३-लगता मीठा
रस भरी बातों से
प्यार जताना
४-तानों में रहा
झलकता प्यार है
दिखी ममता
५-प्यार दुलार
कहाँ रही है कमी
बेरुखी क्यों
६- अच्छा लगता
व्यवहार तुम्हारा
दिल जीतता
७-अंधेरी रात
हलकी बरसात
दिल खुश है
८- झूल रही मैं
रहती दुविधा में
क्या किया जाए
९-उड़ान भरी
अधर में अटकी
पंख उलझे
आशा
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शुक्रवार (21-05-2021 ) को 'मेरे घर उड़कर परिन्दे आ गये' (चर्चा अंक 4072 ) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना को शामिल करने के लिए आभार रवीन्द्र जी |
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
सुंदर
जवाब देंहटाएंसुंदर सृजन
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंबहुत सुन्दर हाइकू !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंप्यारे से सीधे सरल हाइकू !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
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