दिल खोल कर गाना
मन को बहलाना
रूठना मनाना
कुछ नया नहीं है |
हुआ प्यार में दीवाना
उसमें ही खोए रहना
बहकना बहकाना
क्या गलत नहीं है ?
क्या है गलत और क्या है सही
जानने को अति उत्सुक होना
कहाँ हुई चूक मुझे समझाना
कहीं बाधा तो न आएगी कार्य सिद्धि में |
मुझे यह भी समझाना
जल्दबाजी की है मैंने हद से गुजर जाने में
या मेरी खोज सही मार्ग पर चल रही है
कुछ गलत नहीं चुना है मैंने |
आशा
बहुत बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंजी नमस्ते ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (२७-0६-२०२१) को
'सुनो चाँदनी की धुन'(चर्चा अंक- ४१०८ ) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
सादर
Thanks for the information
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना
जवाब देंहटाएंवाह ! बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति ! बहुत बढ़िया !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
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