सही यह निर्णय
कहा तुमने
यह सही नहीं है
गलत सही
कैसे जान पाओगे
पहले उसे
फिर जान लो मुझे
पहचान लो
परिचय महंगा
छलावे जैसा
कुछ लाभ न देगा
हानि लाभ तो
जाने अनजाने में
होने लगेंगे
जब तक सतर्क
नहीं रहोगे
तुम्हारी होगी हानि
अनावश्यक
सतही संबंधों से
जुड़े रहना
उससे बंध कर
जब रहोगे
कैसे बच पाओगे
हो के तटस्थ
निर्णय कैसे लोगे |
आशा
सचेत करती सार्थक प्रस्तुति ! बहुत सुन्दर !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
Thanks for the comment sir
जवाब देंहटाएं