है चाँद सा मुखड़ा
चमक ऐसी
चाँद आया धरा पे
दीखती ऎसी
खिले कमल जैसी
सुडौल अप्सरा सी
कंचन देह
खंजन से नयन
दृष्टि फिसली
चहरे पर आव ऎसी
न थमी दृष्टि
किया ऐसा सिंगार
चमका दिया
चेहरा चांदनी सा
आया निखार
नूरानी चहरे पे
सजी बालिका
नया सा अंदाज है |
आशा
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (26-7-21) को "औरतें सपने देख रही हैं"(चर्चा अंक- 4137) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
कामिनी जी आभार सूचना के लिए |
हटाएंकृपया २६ की जगह २७ पढ़े
जवाब देंहटाएंकल थोड़ी व्यस्तता है इसलिए आमंत्रण एक दिन पहले ही भेज रही हूँ।
धन्यवाद कामिनी जी सूचना के लिए |
हटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (26-07-2021 ) को 'अपनी कमजोरी को किस्मत ठहराने वाले सुन!' (चर्चा अंक 4137) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
सुप्रभात
हटाएंआभार रवीन्द्र सिंह जी मेरी रचना की सूचना के लिए |
वाह बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद नीतीश जी टिप्पणी के लिए |
सुंदर पंक्तियां...
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर सृजन ।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंसुन्दर श्रृंगार रचना मुग्ध करती है।
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंबेहतरीन सृजन
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंशृंगार रस में सुंदर रचना। बधाई आपको।
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंबहुत सुन्दर श्रृंगारिक रचना
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर पंक्तियाँ! उत्कृष्ट प्रस्तुति!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर,मोहक पंक्तियां
जवाब देंहटाएंअरे वाह ! यह अपरूप सुन्दरी है कौन ! मुग्ध करती सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंद्नान्य्वाद टिप्पणी के लिए |