20 जुलाई, 2021

यौवन


 

प्यार का इजहार

है उम्र का तकाजा 

कोई आश्चर्य नहीं है

यह मानना हमारा है |

जिस पर आता है योवन

वह अपने वश में नहीं रहता

हाल बेहाल हुआ जाता 

उन्माद मन में नहीं समाता  |

यही उसे ऎसी राह पर पहुंचाता 

राह में चाहे कितने भी हों कंटक 

वह सड़क हो पक्की या कच्ची

वहीं अटक कर रह जाता  |

तब शूल लगते पुष्प जैसे

रंगीन समा होता मन में

सुबह शाम डूबा रहता

वह अपने ही स्वप्नों में |

कभी प्रसन्न कभी गमगीन

हुआ बेरंग जीवन

वादा न निभाया प्रिया ने

यही क्लेश  बेचैन किये जाता  |

यह उम्र ही है ऎसी

जिसकी शिकायत भी संभव नहीं

 करें शिकायत तो किस से

कोई अपना नहीं है जिस पर विश्वास रखें |

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