03 जुलाई, 2021

कहने सुनने में क्या रखा है


 

कहने सुनने में क्या रखा है

 अप्रिय वचन दिल को लगते शूल से

 कहने वाले की सोच होगी कम इतनी

 कभी सोचा नहीं था |

 प्यार से बोले जाते दो  बोल

मन को बढ़ावा देते 

 सुनने वालों के दिल जीत लेते

यूँ तो कोई बात अधिक समय 

मस्तिष्क में नहीं रहती

पर व्यर्थ की हुज्जत दिल को जला देती |

जब भी बोलें  मीठे बोल

 ही  मुंह से निकलें 

यही व्यवहार से अर्जित यश 

अपने साथ जाएगा

जब भी इस जग से विदा लेंगे

 याद किये जाएंगे

 कोई कहेगा तो सही

 बोल तुम्हारे  बहुत मीठे थे |

कब  भवसागर  से  मुक्ति मिलेगी

  कुछ कहा नहीं जा सकता

पर आशा कि जा सकती है |

जब भी स्वतंत्र आत्मा होगी

 बोझ तले दबी नहीं होगी

एक ही पुन्य साथ जाएगा 

किसी की बद्दुआ न लेगा कोई 

मुक्ति के बाद भी तुझे याद किया जाएगा |

मुक्ति  के बाद भी तुझे याद किया जाएगा  |

4 टिप्‍पणियां:

  1. ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोये
    औरन को सीतल करे आपहु सीतल होय !
    मुख से सदैव मधुर शब्द ही बोलना चाहिए !

    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: