02 अगस्त, 2021

मन की आवाज

सुनो  बावरे

अपने मन की आवाज

क्यों दीवाने  हुए  

 दूसरों की बातों में उलझे  |

 अपने मन की सुनो  

उसी के अनुसार चलो  

 बंद ताले दिमाग के

तब ही  खुल पाएंगे  |

 हो शांत चित्त यदि  

  उसके अनुसार चलोगे

मस्तिष्क अपने आप

सक्रीय हो गति पकड़ेगा |

जीवन का कोरा  केनवास

मन को  दिखेगा

मन होगा बेताव

उसे रंगने के लिए |

आकर्षक  रंग चुन पाओगे

सदा बहार रंग भरे चित्र

 उभर कर छा जाएंगे  

जीवन को जीवन्त कर जाएंगे  |

आशा

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