मेरी राखी जब पहुंचेगी
दुखी हो स्वीकार करोगे
यही बातें तब याद आएंगी
मन से न लगाना उन को |
सदा समय एकसा नहीं रहता
उससे समझोता करना होता
अपने ही परिवार में
तुम खोजना मुझे |
बच्चों का उत्साह देख आज
अपना बचपन याद आएगा
वे घटनाएं जो अब तक है याद
मन को खुशी से आबाद रखेगा |
बातें अपने बचपन की
राखी खरीदने जाने की
अपनी पसंद की राखी लाने की
याद आती हैं मुझे |
जिद्द तुम्हारी दोनो हाथों में
राखी बंधवाने की
जब तक पूरी न होती
रोना गाना चलता रहता |
सब से राखी उतरवा कर
खुद ही बंधवाने की इच्छा
कितनी बलवती रहती थी
अभी तक भूली नहीं हूँ |
है सूनी राखी तुम्हारे बिना
अब कभी नहीं आओगे जानती हूँ में
आज उदासी ने घेरा है
यादे ही शेष रही अब तक |
यही रीत दुनिया की है
बहुत दूर चले गए हो मुझ से
कोई न लौट पाएगा अब
हर राखी पर उदासी ही देगी साथ अब |
आशा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
जवाब देंहटाएंनमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा सोमवार (23-08-2021 ) को 'कल सावन गया आज से भादों मास का आरंभ' (चर्चा अंक 4165) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।
चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।
यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
#रवीन्द्र_सिंह_यादव
Thanks for the information of the post
हटाएंबहुत सुंदर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंआपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज रविवार 22 अगस्त 2021 शाम 3.00 बजे साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुन्दर ।
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
हटाएंआज उदासी ने घेरा है
जवाब देंहटाएंयादे ही शेष रही अब तक |
यही रीत दुनिया की है
बहुत दूर चले गए हो मुझ से
कोई न लौट पाएगा अब
हर राखी पर उदासी ही देगी साथ अब |
जैसे मेरे ही दिल की बात कह दी आपने😢
Thanks for the comment ushaji
जवाब देंहटाएंअत्यंत सुंदर रचना। आभार।
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |
हटाएंहृदय स्पर्शी सृजन ।
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद अमृता जी टिप्पणी के लिए |
बहुत प्यारी रचना , हृदय स्पर्शी भाव ,आप सब को ढेर सारी हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई आदरणीया, अपना ख्याल रखें। राधे राधे
जवाब देंहटाएंअत्यंत मर्मस्पर्शी रचना ! राखी का दिन हर साल उदास कर जाता है और एक अकथनीय टीस से मन को भर जाता है !
जवाब देंहटाएंThanks for the comment
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