हम हैं हिन्दीभाषी
हिन्दुस्तान के रहने वाले
अनेकता में एकता
है यहाँ की विशेषता |
भिन्न भिन्न भाषाएँ यहाँ
सब की अपनी अपनी
पर सभी देशवासी
आदर करते सब भाषाओं का
सामान रूप से |
इसकी लिपि है सरल
व्याकरण बहुत आसान
अन्य भाषाओं के शब्द भी
घुलमिल जाते इस में
हो दूध में पानी जैसे |
सहज ही समझ में आते
उच्चारण कठिन न लगते
आपस में बात करने में
कठिनाई नहीं होती |
अंतर राज्यीय हो तब भी
कठिनाई नहीं होती
हमें गर्व है अपनी भाषा पर
पर अन्यों से भी बैर नहीं |
भाषा का सम्मान होता
उसके साहित्य से
भरा हुआ है ज्ञान का भण्डार यहाँ
उच्च कोटि के साहित्य से |
आशा
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (14-9-21) को "हिन्द की शान है हिन्दी हिंदी"(4187) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
Thanks for the information of the post
हटाएंसुप्रभात
हटाएंमेरी रचना की सूचना के लिए आभार कामिनी जी |
सुंदर... हिन्दी में साहित्य तो प्रचुर है ... बस पढ़ने वाले पढ़ने लगे तो कितना अच्छा हो...
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर रचना
जवाब देंहटाएंसाहित्य की है जान हिंदी
साहित्य का सिंगार हिंदी
हिंदुस्तान की पहचान हिंदी
हम सब की है शान हिंदी
अपनत्व का एहसास हिंदी
Thanks for the comment
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंबिलकुल सत्य है ! हिन्दी भाषा का साहित्य बहुत समृद्ध है !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
सुन्दर रचना!
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