08 सितंबर, 2021

सफलता


 


कोई कार्य सरल नहीं करने को

पर असंभव भी नहीं

यदि एकाग्र  चित्त हो  करना चाहो

हो उत्साह उसे करने का |

जब भी कोशिश हो मन से

दिल्ली दूर नहीं होती

कार्य सरल हो जाते दिल से

 करने वाले के लिए |

मन में है विश्वास आवश्यक

दूसरा साहस तीसरी  लगन 

सभी आवश्यक कार्य पूर्ती के लिए

उसमें सफल होने के लिए | 

उसी के कदम चूमें सफलता ने 

जिसने असफलता से भय न पाला 

बार बार गिर गिर कर सम्हला 

यही सही किया उसने  | 

आशा 








आशा 

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" पर गुरुवार 09 सितंबर 2021 को लिंक की जाएगी ....

    http://halchalwith5links.blogspot.in
    पर आप सादर आमंत्रित हैं, ज़रूर आइएगा... धन्यवाद!

    !

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      आभार आपका रवीन्द्र जी मेरी रचना को स्थान देने के लिए |

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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