15 सितंबर, 2021

सरस्वति वन्दना


                                          हे हंस वाहिनी 

श्वेत वसन धारणी

कमलासन पर

 तुम्ही विराजत |

तुम ही हो भारती 

अदभुद है छवि तुम्हारी 

वीणा पुस्तक धारणी

विध्या की देवी सरस्वति  |

ज्ञान दायनी मां शारदे

दो  सबको ज्ञान दान  

हो सब का उपकार

नमन तुम्हें  कमलासनी |

 सरस्वती जिसकी

 जिव्हा पर विराजती 

 मृदु भाषण से सदा 

जीवन सफल होता उसका |

ज्ञान धन  है ही ऐसा 

कभी क्षय न होता जिसका 

हैं सबसे धनवान वही 

जो है सरस्वति का उपासक |

आशा 

 

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