15 सितंबर, 2021

हम साहब तुम नौकर हमारे



 हम साहब तुम नौकर



हम साहब तुम नौकर हमारे

यह भाव कभी ना सफल हुआ है

जब भी देखा इस दृष्टिसे

मन में रोष पैदा हुआ है |

कैसी सोच उभरी थी मन में

अब सोच कर शर्मिन्दा हूँ

काश पहले से ही सचेत होते

झूठा अहम् न पालते

तभी जमीन पर टिक पाते

आँखें मिला कर जी पाते |

जब तक कुर्सी पर रहे आसीन
पहले विचार मन में होते

पर पद छिनते ही

सभी जमीन पर आजाते |

जब पहले भी अंतर न था जब बच्चे थे

फिर यह भाव उपजा ही क्यों

क्या यह तंग दिल होने का संकेत नहीं

ईर्षालू पैदा हुए हैं इस जरासे विचार से |

यह विचार था मिथ्या अभिमान

अब समझ में आया

पर अब पछताने से लाभ क्या

बीता समय लौट कर न आया |
आशा


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Rajat Hamta shared a live video.

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