16 अक्टूबर, 2021

कोई विधा खोज न पाया




जाने कितने गीत लिखे

बिखरे बिखरे  शब्दों में

कोई विधा खोज न पाया

अभिव्यक्ति के लिए |

बहुत अच्छा लगा

जब किसी ने कहा

वाह क्या गीत है मन मोह लिया

गीत या संगीत दौनों में से कौन

आज तक समझ न पाया |

कोशिश झूटी लगी जानने की

जरूरत क्या है पहचानने की

काम चल ही जाता है

और अधिक की चाह नहीं है |

प्यार से जो मन में आया

वही लिखा  कुछ और नहीं

हर शब्द से जज्बात जुड़े है

कोई बंधन नहीं लिखने के लिए |

स्वतंत्र लेखन भी एक विधा हो जाती

अभिव्यक्ति सफल हो जाती

जब दिल की जरूरत पूर्ण होती

खुश रहने के लिए |

वही सफल लेखक कहलाता

जो अर्थ स्पष्ट कर पाता

अपने लेखन का

उद्देश्य सफल हो जाता लिखने का |

आशा

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