07 नवंबर, 2021

वर्ण पिरामिड

 

तेरी 

सुघड़ 

छवि वही 

तुझ में बसी 

दूर न मुझ से 

सब से प्यारी मुझे 

बहुत  न्यारी प्यारी है 

कोई और  नहीं चाहिए |


तेरी 

सुप्रिया 

हमदम 

हम सफर 

ख्यालों  में बसी हूँ 

कभी नजारों में हूँ 

हूँ  इतने करीब कि 

मैं तुझसे दूर नहीं हूँ |

 

 एक

 कारवा 

जानेवाला 

देशाटन को

मुझे  जाना होगा 

 खोज रहा  सुकून 

दूर नहीं  मेरा गाँव 

कुछ तो परिवर्तन हो |

आशा 



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