03 नवंबर, 2021

रूप चौदस

                                 पहले  घर स्वच्छ किया सजाया 

आज के दिन भोर होते ही स्नान किया 

नवीन वस्त्र धारण किये

 सजाया सवारा खुद को  |  

बड़ों के  चरण स्पर्श कर

 आशीष लिया उनसे  

दीपक लगा कर ध्यान  किया |

सारा सोंदर्य निखर कर आया

देखा जब दर्पण में खुद को 

आज रूप चौदस है

 दूसरा दिन इस पर्व का | 

देवी के स्वागत के लिए

अपनाया सभी प्रसाधनों को 

देखते ही नजरें  न टिकती थीं 

यही करिश्मा हुआ अब तक |

 रूप की चमक दमक देखी जब

आशीरवाद  दिया लक्ष्मीं  ने  

सदा ऐसी ही बनी रहो

रहो सदा सौभ्यवती

रहो हमेशा भाग्य शाली |

वरदान दिया लक्ष्मीं ने 

सुख समृद्धि से दामन भरे

 सफल जीवन जियो 

आने वाले कल में |

आशा   

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