१-संजोग कहो या बेगानापन
या हो इतफाक कोई
जो भी हुआ अच्छा हुआ
कोई सदमा नहीं मुझे |
२- किसी ने कभी भी
प्यार तो जताया नहीं
हर तरह निराश किया
दो बोल मीठे न बोले
शायद यही प्रारब्ध था मेरा |
३- मेरा तुझसे यह कहना है
किसी पर एतवार न करना कभी
जो जितना मीठा बोलता दिखे
मन में कपट की खिचड़ी पके |
४- चंचल चपला हर अदा तेरी
यही तुझे विशिष्ट बनाती
यदि नयना झुक जाएं तेरे
सुनामी दिल में आ जाती है |
५- पारद सा तरल दिल है मेरा
स्थिर नहीं रह पाता कभी
किससे कहूं व्यथा अपनी
किसी की सलाह नहीं जचती मुझे |
६-प्यार की हरारत उसको
होती रही हर बार
तुम जाओगे कहाँ तक
योग साधना का संबल ले कर |
आशा
आशा
बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |
सुन्दर क्षणिकाएं !
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