कुम्हार से माटी के
दीपक लाया
कपास की बाती बनाईं
स्नेह डाला उन में |
श्याम को रंगोली के चौक पर
दीपक रखे
पूजन के लिए तैयारी की
विधि विधान से |
खील बताशे सजाए
पूजा की थाली में
कुमकुम अक्षत मेंहदी कलावा
सजाया एक थाली में
पुष्प और फुलझड़ी
सजाई दूसरी में
चौक पर चावल रखे
उन पर दिया रखा |
की तैयारी पूर्ण जब
खुद सजने की बारी आई
अब है बेसब्री से इन्तजार
देवी लक्ष्मीं के आगमन का |
धन धान्य से भरे वरद हस्त का
है आज पर्व दीपावली का
क्यूँ न खुशियां मनाएं
मिलें जुलें सब से स्नेह से |
अपनी परम्परा निभाएं
कल होगी गोवर्धन पूजा
परसों है भाई दूज की यम यमुना की पूजा
समापन पांच दिवसीय दीपावली पर्व का |
आशा
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंओंकार जी धन्यवाद टिप्पणी के लिए |
दीपावली शुभ और मंगलमय हो |
बहुत बहुत
जवाब देंहटाएंThanks for the comment sir
हटाएंबिलकुल ऐसे ही तो मना यह पञ्च दिवसीय दीपोत्सव ! सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंसुप्रभात
हटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |