09 नवंबर, 2021

झूटे वादे


 

यूँ तो कोई

वादे नहीं करते

यदि वादे कर लिए

 पूरे नहीं करते |

 उनको निभाने का

 नाम न लेते  

यह झूटी बातें किसलिए

किसे बहकाने  के लिए |

होता  क्या लाभ

इन ऊंची नीची बातों का

क्या जानते नहीं

ऎसी बातें कभी छिपती नहीं |

जब उजागर होती हैं

सब की निगाहों से

 गिर जाते हैं

 इज्जत नहीं होती समाज में

 हो जाते हंसी के पात्र  |

तब मन को

बहुत कष्ट होता है

शर्म से नत मस्तक

 होने के सिवाय

कुछ भी प्राप्त नहीं होता |

 वादा करो कोई वादा किया यदि  

पूरी निष्ठा से निभाओ  

तभी तुम्हारी

बातों की कद्र होगी बातों के पक्के

 माने जाओगे |

आशा 

13 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (10-11-2021) को चर्चा मंच        "छठी मइया-कुटुंब का मंगल करिये"  (चर्चा अंक-4244)       पर भी होगी!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
    -- 
    छठी मइया पर्व कीहार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'   

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    1. सुप्रभात
      आभार सहित धन्यवाद सर मेरी रचना कोआज के अंक में स्थान देने के लिए |

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  2. जो लोग क्षणिक सुख के आकांक्षी होते हैं वे ऐसे ही झूठे वायदे और चिकनी चुपड़ी बातें करके अपना काम निकाल लेते हैं ! ऐसे स्वार्थी लोगों का मान सम्मान भी अस्थाई और क्षणिक ही होता है ! कोई इन पर भरोसा नहीं करता !

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    1. सुप्रभात
      धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  3. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |

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  4. वादा किया है निभाना ही चाहिए, वरना न करना ही अच्छा है

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    1. सुप्रभात
      धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए





      सुप्रभात
      धन्यवाद अनीता जी टिप्पणी के लिए |














      \

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  5. सही कहा.. वादा वही करना बेहतर जिसे निभा सकें...

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    1. इस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.

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    2. सुप्रभात
      धन्यवाद विकास जी टिप्पणी के लिए |

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  6. सुप्रभात
    धन्यवाद मनीषा जी टिप्पणी के लिए |

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