24 नवंबर, 2021

जोडियाँ ऊपर से बनकर आतीं


 

हम  दो प्राणी हैं जुदा जुदा

कुछ भी समान नहीं हम में

एक जाता उत्तर को

दूसरा विपरीत दिशा को चल देता |

यह कैसी जोडी बनाई प्रभु तुमने

कुछ तो समानता दी  होती 

कभी तो हाथ मिलाते प्यार से  

कैसे जीवन गुजरेगा हमारा |

एक साथ रहने के लिए

विचारों की एकता होती

या एक सी पसंद हो जाती

हर समय खीचतान न मची रहती |

कभी एकमत हो न पाते

यदि मन से कभी इच्छा होती

विरोध कैसे न करते 

बहस  हो नहीं पाती 

यदि सामान विचार धारा होती

फिर दोष किस पर मढ़ते |

आशा

4 टिप्‍पणियां:

  1. विपरीत विचारधारा वाले जब पूरे सामंजस्य के साथ आगे बढ़ते हैं तब ही चमत्कार होते हैं ! सुन्दर रचना !

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  2. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  3. सुप्रभात
    धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

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