10 दिसंबर, 2021

क्षणिकाएं


                                                     जब अमन चैन का हो साया 

तभी लगता है देश हमारा

 भाई चारा और प्रेम से रहें 

तभी  होगा जीवन सफल हमारा |


ज़िंदा रहने का कुछ ऐसा अंदाज रखो 

जो तुम को न समझे उसे नजर अंदाज करो 

उसके प्यार पर प्राण न्योछावर करो 

यदि नफरत करे उस पर ध्यान न दो |


जान लेवा मंहगाई से आम जन  त्रस्त हुए 

दैनिक वेतन भोगी बेचारे  रोटी रोटी को तरसे 

हर बात पर उधार लेने का मन बनाया 

देने वाला दे तो देता पर दस बातें सुनाकर |


बासंती बयार दे रही आवाज 

ऋतू सुहानी है करो सत्कार 

बादल ने की गर्जन तर्जन 

किया स्वागत  ऋतु  राज का |

आशा 





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9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 11 दिसंबर 21 को चर्चा मंच पर चर्चा - 4275 में दिया जाएगा
    धन्यवाद
    दिलबाग

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  2. आदरणीया
    प्रणाम

    सादर शुभकामनाएं
    🙏🌹🙏

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  3. बहुत खूब ! सुंदर क्षणिकाऍ !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद साधना त५इप्पनी के लिए |

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  4. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद भारती जी टिप्पणी के लिए |

      हटाएं

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