09 दिसंबर, 2021

मान अभिमान किस लिए


 

मान अभिमान किस लिए

किसके लिए?

किस बात पर गुमान करूं

आखिर कब तक अभिमान करूं

मेरा है क्या ?

जिस पर झूटा गरूर करूं |

 समस्याए कम होने का

नाम नहीं लेतीं

जीवन की उलझनें कम नहीं होतीं

समस्याओं की दुकान लगी है|

 सुलझाने की कितनी भी

 कोशिश करूं

जहां से चलना था वहीं

अटक कर रह गई हूँ |

भाग रहा है समय

 पूरी गति से बिना चेतावनी के

 हाथों से छूटा  जा रहा है

सिक्ता कण सा |

 अब कुछ भी नहीं पास मेरे  

ना ही बस में मेरे 

ईश्वर की कृपा यही है

मुझे कष्ट दिया पर सहन शक्ति भी दी है |

 मस्तिष्क में ऊर्जा 

वही है आज तक 

हूँ पूर्ण सजग

 अवचेतन  नहीं  मैं  |

आशा 

4 टिप्‍पणियां:

  1. यही सजगता सबसे बड़ा सम्बल भी है और हर समस्या का हल भी ! इसे हमेशा जगाये रखना ज़रूरी है ! गहन अभिव्यक्ति !

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      टिप्पणी अच्छी लगी |धन्यवाद टिप्पणी के लिए |

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