03 दिसंबर, 2021

हिन्दी भाषा की अधोगति


 

पत्र लेखन कितना कठिन था

 पहले कभी समस्या न थी 

अब तो यह भी भूल गए

संबोधन किसे कैसे करें |

जब से दूर भाष यंत्र का

प्रयोग हुआ प्रारम्भ

लिखने की गति भी  

बाधित हुई है |   

यह कठिनाई बढ़ती गई     

 जब परीक्षा में पत्र लिखना होता  

मुश्किल से पांच अंकों में से

  दो अंक ही प्राप्त होते है |

अब तो “u” से ही काम चल जाता है

“you” के स्थान  पर 

पूरा नाम क्यों लिखें जब

दस्तखत से ही काम चले |

लिखने से बचने के लिए

कई साधन हैं उपलब्ध अब

लगने लगा है अब तो

  लिपि भी कहीं खो जाए ना |

अक्षर आँखों के आगे

 गोल गोल घूमेंगे

फिर भी समझ में न आएगा

 क्या लिखना चाहा और क्या लिखा है |

सुन्दर और शुद्ध लेखन कल्पना में

रह  गया है केवल

कोई अहमियत नहीं रही उसकी 

शिक्षा सतही हो गई है |

भाषा का अधोपतन

 और कितना होगा

खिचड़ी भाषा बोलने में

कोई शर्म नहीं आती |

यह शान की बात होती है कि

 प्रत्येक वाक्य में

आधी अंग्रेजी आधी हिन्दी

 बोली जाती है |

भाषा की शुद्धता की  क्या बात करें  

 भाषा में मिलावट दाल में कंकड़ सी हुई 

मन का संताप नहीं मिटता 

यह हाल भाषा का देख |

बड़ी बड़ी बातें की जाती 

भाषा के अधोपतन की

उससे बचने के लिए उन्नति के लिए

भाषा की  प्रगति के लिए |

आशा 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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