24 दिसंबर, 2021

तुमसे सीखा


                                    तुमसे  सीखा कठिन परिश्रम
                                      दृढ़ निश्चयी होना सीखा 

कितनी भी कठिनाई आए

मार्ग से विचलित न होना सीखा |

कायर सा मुहं छिपाकर

भूमिगत हो जाना न सीखा

किसी की कही बात पर

ध्यान न देना नहीं सीखा |

यही गुण मेरे जीवन के बने आधार

 कभी भी  मात न खाई

ना  कभी कोई कठिनाई आई

मैं सरलता से उससे उभर पाई |

बस एक बात मुझे खली

तब तुम न थे साथ मेरे

मुझे प्रोत्साहित  करने को

 प्रगति में सहायक होने को |

तब भी तुम्हारी  कमीं ने मुझे

जो सहन शक्ति की प्रदान तुमने 

किसी का एहसान न लेना सिखाया

अपने पैरों पर खडी हुई  |

 यही जिन्दगी का फलसफा हुआ

अब भी खड़ी हूँ अडिग सच्चाई पर

 झूट से कौसों दूर रही  हूँ

तुम्हारी सीख को  भूली नहीं हूँ |

आशा  


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