बढ़ेगी उमस बेचैनी होगी
यदि मौसम विभाग सफल न हुआ
आने वाले मौसम की 
जानकारी देने में | 
अब तक न आए बदरा
 काले कजराते  जल से भरे
तेज वायु बेग उड़ा ले चला
दूसरी दिशा में उन्हें
 |  
इस बार भी यदि
 वर्षा कम  होगी 
लोग तरसेंगे भटकेंगे यहाँ वहां
कैसे कमी सहन करेंगे
खेती  सूख जाएंगी
 दाम बढ़ेंगे दलहन के |
हे परम पिता परमात्मा  
 कैसा है  न्याय तुम्हारा 
क्या तुम्हें दया
 नहीं आती तनिक भी  
 आम आदमियों की 
जल की आवश्यकताओं पर
|  
प्रभु तुम क्यूँ ध्यान
रखोगे
 इतनी छोटी बातों का 
तुम्हें तो समय नहीं
होगा ना  
क्यूँ कि बड़ी
समस्याओं में उलझे हो |
बाढ़ तूफान से कैसे
हो  निपटारा 
शायद हो इसी  सोच में व्यस्त 
कभी आम आदमी पर भी
 रहमोंकरम करो |
 तभी याद तुम्हारी आएगी उनको 
हाथ जोड़ कर साष्टांग
 झुक कर तुम्हें  प्रणाम  करेंगे 
तुम्हारे गुणगान से
पीछे न हटेंगे |
आशा 
  


