03 जनवरी, 2022

पीछे पलट कर न देखना




 

चलते चलो कदम बढ़ाओ

राह में  रुकना नहीं

अनवरत चलो उत्साह से  

पीछे पलट कर न देखना  |

जब तुमने कुछ किया ही नहीं

फिर मन को भय कैसा

खुद पर आत्म बल

और विश्वास रखो |

जब भी कोई गलत काम करते हो

खुद का मन ही तुम्हें कोसता है

ईश्वर का दण्ड अपने आप ही मिलता है

प्रभु सब की निगरानी करता  |

कोई पुरूस्कार तुरंत नहीं मिलती

 लिख जाता है भाग्य में

 आवश्यक हो  तभी मिलता 

 पुरूस्कार की आहट होती रहती |

खुद के पाप पुन्यों का निर्णय

होता है यहीं इस लोक में

जन्म से खाली हाथ आए हो

अब खाली हाथ ही जाओगे |

साथ कुछ न ले जाओगे

अच्छे बुरे कर्मों का लेखा जोखा

  है परमेश्वर के पास 

जाओगे स्वर्ग या नरक में उसे सब पता |

14 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना  ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" मंगलवार 04 जनवरी 2022 को साझा की गयी है....
    पाँच लिंकों का आनन्द पर
    आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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    1. स्वर्ग में जाना है या नर्क में यह ईश्वर के बजाय खुद को पता होना चाहिए ! हमारे अपने कर्म ही हमें संकेत दे देते हैं कि हमारा आख़िरी आवास कहाँ बनेगा स्वर्ग में या नर्क में ! बढ़िया मंथन योग्य रचना !

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    2. सुप्रभात
      आभार यशोदा जी मेरी रचना को" पांच लिंकों का आनन्द "में स्थान देने के लिए |

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  2. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद विकास जी टिप्पणी के लिए |

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  3. बहुत सुन्दर एवं सार्थक सृजन
    वाह!!!

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद सुधा जी टिप्पणी के लिए |

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  4. बिलकुल सही कहा आपने...सुन्दर रचना

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद रेवा जी टिप्पणी के लिए |

      हटाएं
  5. धन्यवाद टिप्पणी के लिए

    जवाब देंहटाएं
  6. उत्तर
    1. सुप्रभात
      धन्यवाद संगीता जी टिप्पणी के लिए |

      हटाएं

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