07 फ़रवरी, 2022

लता युग की समाप्ति


 

सब तुम्हें याद करेंगे   

जब भी बाग से गुजरेंगे

गीतों की एक एक लाइन से

 दूरी न सह पाएंगे प्यार से गुनगुनाएंगे |

तुम्हारा गीत संगीत और सुर तरंग  

मन में घर करते ऐसे

 कभी भुला न पाते

उन में खो कर रह जाते |

मैं प्रतिदिन वहां जाने का

तुमसे मिलने का मन बनाती

 कोई अवसर न छोड़ती

 प्रतीक्षारत रहती तुसे मिलने को |

कब भोर हो और मैं वहां पहुंचूं

जहां तुमसे हो साक्षात्कार

 मन को अपूर्व सुकून मिले तुमसे मिल

है विशेषता तुम्हारी सादगी  भरी इस उम्र की|

 तुम्हारे संगीत की महक का आनंद लूं

मन में बसालूँ सरस्वती के इस अवतार  को

तुम्हें एहसास  न होगा है कितना लगाव रहा

 संगीत प्रेमियों को तुम्हारे मीठे  स्वरों से |

जब तुम्हारे  गीतों से दूर होती हूँ

 मन उदास रहता है 

मन नहीं लगता

जब  दूर होती हूँ उनसे |

बुरा हाल हुआ है कलम रुक गई है

तुम्हारे बिछुड़ने के बाद  शब्द नहीं मिलते

मन की बात लिखने को

जब से तुम इस दुनिया से रूठीं हो |

 नम नेत्रों से जब दी विदाई

तुम हुई विलीन पञ्च तत्व में  

नहीं रहा सरस्वती का

यह अवतार हमारे साथ |

अनमोल रत्न को  खो दिया    

अतुलनीय  क्षति हुई देश को

 स्वर कोकिला से हो दूर     

हुआ समाप्त संगीत का लता युग |

आशा 

10 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (8-2-22) को "स्वर सम्राज्ञी कभी नहीं जाएंगी"(चर्चा अंक 4335)पर भी होगी।आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
    --
    कामिनी सिन्हा

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की सूचना के लिए आभार कामिनी जी |

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  2. सुर सम्राज्ञी लता जी के लिए सादगी भरी भावांजलि। लता जी की पुण्य स्मृति को सादर नमन 🙏🙏😞😞🙏🙏😞😞🙏🙏😕

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    1. सुप्रभात
      धन्यवाद रेणु जी टिप्पणी के लिए |

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  3. लता जी का जाना विश्व भर के संगीत प्रेमियों को व्यथित कर गया ! लेकिन फिर भी अपने मधुर सुरीले गीतों के साथ वो हमेशा हमारे साथ रहेंगी ! विनम्र श्रद्धांजलि !

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  4. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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  5. धन्यवाद आलोक जी टिप्पणी के लिए |

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