10 मार्च, 2022

प्रतीक्षा हुई समाप्त

 


प्रतीक्षा अब हुई समाप्त

जब तुम यहाँ आईं

और मैं  तुमसे मिल पाई

कुछ तो कोरोना का भय और बंदिश

कुछ व्यस्तता घर गृहस्थी की रही |

जब प्रतिबन्ध लगाए जाते थे

या खुद ही लग जाते थे अकारण

पर क्या करते पालन की मजबूरी थी

पर मिलना भी था आवश्यक  |

आज तमन्ना पूर्ण हुई अब

जब लंबित प्रकरण पर ध्यान दिया  

जब तक घर न पहुँँची

 मन में दुविधा बनी रही |

देखते ही हुई प्रसन्नता इतनी कि

शब्द कम पड़े इसे व्यक्त करने को  

बहुत समय बाद मिले हों जैसे

इसका आकलन न किया जा सकता हो जैसे |

जाने कितनी बातें मन में हैं कहने को

पर शब्द नहीं मिलते स्पष्ट करने को

इतने से समय की छुट्टी मिली है

मन को संतुष्टि कैसे मिलेगी |

जीवन में समझौता करना पड़ता है

किससे उलझें क्या तर्क रखेंं

विधि का है विधान ऐसा ही  

थोड़े से संतुष्ट होना पड़ता है |

पहले बहुत व्यस्त थे हालातों से थे लाचार

समय नहीं मिल पाया उलझनों में फंसे थे

अब खुद कहीं नहीं जा आ पाते

फिर किसी से क्या रखें अपेक्षा  |

आशा

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