१-कमतर
नहीं रहा
विकास देश का
नहीं देखा
विगत |
२-प्रियतम
कब आओगे
बताया नहीं है
मुझे तक
तुमने |
३-हुई
बगिया सूनी
पुष्पों के बिना
उड़ गए
भ्रमर |
४-आई
सर्द हवाएं
खुले व्योम से
है सर्दी
बढ़ी|
५-- मौसम
सर्दी का
बड़ा प्रिय मुझे
लगने लगा
मुझे |
६-गाया
फाग आज
होली आई है
लिए रंग
संग |
७- यहीं
दुनिया में
है माया मोह
किससे कहें
सत्य
८-रिश्ता
तेरा मेरा
जन्म जन्मान्तर का
नहीं सतही
लगता |
आशा
बहुत सुंदर सृजन । बढ़िया छंद ।
जवाब देंहटाएं