11 मार्च, 2022

सायली छंद

 


१-कमतर

नहीं रहा

विकास देश का

नहीं देखा

विगत |

 

२-प्रियतम

 कब आओगे

बताया नहीं है

मुझे तक

तुमने |


 ३-हुई

बगिया सूनी

पुष्पों के बिना  

उड़ गए

भ्रमर |

 

४-आई

 सर्द हवाएं

खुले व्योम से

है सर्दी

बढ़ी|

 

५-- मौसम

 सर्दी का

बड़ा प्रिय मुझे

लगने लगा

मुझे  |

 

६-गाया

फाग आज

होली आई है

लिए रंग

संग |

 

 ७- यहीं  

दुनिया में

है माया मोह

किससे कहें 

सत्य 


८-रिश्ता 

तेरा मेरा 

जन्म जन्मान्तर का 

नहीं सतही 

लगता |



आशा


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