13 मार्च, 2022

इल्जाम


                 इल्जाम
 
मुझे न देना

खामोशी का

सहरा पहन कर |

यही खामोशी

तुम्हें महंगी पड़ेगी

जीवन के

कठिन दौर में | 

दायरा ख्यालों  का

 इतना विस्तृत 

 नहीं है

जिससे हम दौनों में 

दरार पड़ जाए

 मुझे तुम से अलग 

कर पाए |

इल्जाम लगाने 

से पहले 

ज़रा सोचना 

क्या तुम्हें मेरी 

कोई जरूरत 

नहीं है 

मुझे  भी कोई

 दरकार नहीं है |

आशा 

 

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